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हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका

时间:2023-11-30 15:27:47 来源:网络整理编辑:आज सुबह का एक्सीडेंट

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क्या किसी हाईकोर्ट( High Court) के चीफ जस्टिस (Chief Justice) या एक्टिंग चीफ जस्टिस (Acting Chief Ju

क्या किसी हाईकोर्ट( High Court) के चीफ जस्टिस (Chief Justice) या एक्टिंग चीफ जस्टिस (Acting Chief Justice) अपनी प्रशासकीय वरिष्ठता के अधिकारों से अपीलीय यानी न्यायिक अधिकारों का अति कर सकते हैं?हाईकोर्टकेचीफजस्टिसकेअधिकारोंकोलेकरसुप्रीमकोर्टमेंदायरकीगईयाचिका क्या किसी पीठ में सुने जा रहे मुकदमे को बिना किसी ठोस कारण के रातों रात दूसरी पीठ के पास सुनवाई के लिए भेज सकते हैं? इन सवालों के जवाब तलाशने को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पास एक याचिका आई है. यहयाचिका कलकत्ता हाईकोर्ट प्रशासन ने दाखिल की है.इस मुद्दे को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में काफी हलचल है.हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस कोर्ट का बहिष्कार कर रखा है.कलकत्ता हाईकोर्ट ने चीफ जस्टिस और एक्टिंग चीफ जस्टिस की प्रशासनिक भूमिका तय करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है. हाईकोर्ट प्रशासन ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से एक विस्तृत गाइडलाइन बनाने की गुहार लगाई है. जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य के एक आदेश को चुनौती देने वाली इस याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के सभी जजों का दर्जा बराबर होता है लेकिन चीफ जस्टिस उनमें पहले होते हैं.सामान्यतया चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर होता है और प्रशासनिक मामलों में प्रमुख भूमिका में होता हैलेकिन अपीलीय मामलों में उनकी भूमिका वही रहती है जो अन्य साथी जजों की है.चीफ जस्टिस प्रशासनिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए किसी पीठ के न्यायिक निर्णय को नहीं बदल सकते या फिर रातोरात दूसरी बेंच के पास नहीं भेज सकते हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट में एक पीठ में एक मामले की चल रही ऑनलाइन सुनवाई को अगली सुनवाई से पहले ही दूसरेखंडपीठ में ट्रांसफर कर दिया गया.उधर इस मुद्दे पर कलकत्ता हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का चीफ जस्टिस की कोर्ट का बहिष्कार जारी है.इसपर भी क्लिक करें-बार की मांग है कि मामले का ट्रांसफर चीफ जस्टिस/एक्टिंग चीफ जस्टिस के अधिकारों का अतिक्रमण है. जब तक ये मुकदमा फिर से जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य के इजलास में वापस नहीं भेजा जाता उनका विरोध और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अदालत का बहिष्कार जारी रहेगा. हालांकि एक वरिष्ठ जज ने बार के प्रतिनिधियों से बातचीत भी कीलेकिन नतीजा क्या रहा इस पर किसी भी पक्ष ने कुछ भी खुलासा नहीं किया.